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त्रिची और सेलम से चलकर यात्रा सोमवार रात 11.30 बजे मैसूर पहुंची। यात्रा के देर से पहुंचने के बाद भी लोगों के उत्साह में कोई कमी नहीं थी। भारी संख्या में महिलाएं और बच्चे भी पादुकओं के दर्शन के लिए उपस्थित थे। नेतृत्वकर्ता प्रदोष सुरेश चव्हाणके ने लोगों को संबोधित किया और कहा कि अयोध्या में श्रीराम का मंदिर बन जाना ही अंत नहीं है। अब देश में राम राज्य की स्थापना हो इसके लिए युवाओं को आगे आना होगा।
मैसूर में रात्रि विश्राम के बाद यात्रा रामनाथपुरा के लिए रवाना हुई। रास्ते में कई छोटे बड़े स्थानों पर लोगों ने यात्रा का गर्मजोशी से स्वागत किया। रामनाथपुरा में भी पादुका पूजन और पादुका दर्शन का बड़ा आयोजन था। जेडीएस के स्थानीय विधायक ए मंजू ने भी इस आयोजन में शिरकत की। इसके अलावा कई सामाजिक संगठन और संस्थाओं के लोग बड़ी संख्या में मौजूद थे। यहां कावेरी नदी के दो तटों पर श्रीराम और श्रीलक्षमण जी के प्राचीन व पौराणिक महत्व के मंदिर मौजूद हैं। इन मंदिरों में पादुकाओं का देवी देवताओ से मिलन कराया गया।रामनाथपुरा से यात्रा हम्पी के लिए रवाना हुई। कल यात्रा हंपी के तमाम पौराणिक महत्व के मंदिरों में जाएगी।

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